Fundamental
Computer
:-
एक Electronic
Device है जो User के द्वारा Keyboard और Mouse से निर्देशों को प्राप्त करता है, उन पर Process करता है और Information प्रदान करता है।
Work
of Computer :-
कठिन तथा बार-बार आने वाली गणनाओं को जल्दी व सही-सही करता है। किसी भी प्रकार के Graphics को Design व Print करता है और उपयोगी आंकड़ों को Store करके रखता है, इसके अलावा Computer का उपयोग कई सारे क्षेत्रो मे किया जाता है जैसे - Hospitality,
Police Department, Education, Accountancy, Office Work, Job Work, DTP Work,
Banking, Commerce, Communication, Entertainment, Gaming, Research Etc.
Components of Computer
कम्प्यूटर साामान्यतः दो भागों मे विभाजित हुआ है:-
Ø Computer Hardware
Ø Computer Software
Computer
Hardware :-
Computer के वे भाग जिन्हें हम देख, छू और महसूस कर सकते है,
Computer
Hardware कहलाते है। दूसरे शब्दों मे
Computer के
Electrical,
Electronical तथा
Mechanical
भागों को
Computer
Hardware कहते है। इन्हे सामान्यतः दो भागो मे बाॅटा जाता है।
Ø C.P.U. (Central Processing
Unit)
Ø Peripherals
C.P.U.-
CPU को कम्प्यूटर का दिमाग या हृदय कहा जाता है। क्योंकि लगभग
Computer के सभी कार्य
C.P.U. के द्वारा जैसे .
Input,
Output पर
Control करना,
Calculation करना और
Data
Store करना, किए जाते हैं।
इन सभी कार्यो को
Control करने के लिये इसमें तीन इकाइयाॅं होती है।
Ø Control Unit (CU)
Ø Arithmetic and Logical Unit
(ALU)
Ø Memory Unit (MU)
Control
Unit :-
यह सभी
Input तथा
Output
Devices को
Control करता है,
Data को लाने और ले जाने का कार्य करता है तथा
Secondary
Storage Devices को भी
Control करता है।
Arithmetic
and Logical Unit :-
सभी अंकगणितीय गणनायें जैसे- जोड़, घटाना, गुण़ा, भाग, वर्गमूल, प्रतिषत आदि) तथा तार्किक गणनायें जैसे- बड़ा, बराबर, छोटा, बराबर नहीं आदि गणनायें करता है।
Memory
Unit:-
Data को स्थायी अथवा अस्थायी रूप से
Store करने के लिये
Memory
Unit का उपयोग करते है।
Data
Storage के आधार पर इसे भी दो भागो मे बाॅटा गया है।
Ø Primary memory
Ø Secondary memory
Primary
memory-
C.P.U. के अंतर्गत
Mother
Board पर उपस्थित
Memory
Chips को
Primary
Memory कहा जाता है।, ये दो प्रकार की होती है।
Ø R.A.M. (Random Access
Memory)
Ø R.O.M. (Read Only Memory)
R.A.M.:-
यह एक
Volatile
Memory (वोलेटाइल मेमोरी) होती है, इसीलिये जब
Computer मे
Power आना बंद होता है, डाटा नष्ट हो जाता है। सिस्टम पर बनाई जाने वाली सभी फाइल
Working
Time में
RAM पर स्टोर होती है। जब फाइल को सेव किया जाता है तो वह सभी फाइल सेकैण्डरी मेमोरी में स्थानान्तरित हो जाती है।
R.O.M.
:-
यह एक
Non
Volitile Memory है, इसमे लिखा हुआ
DATA कई बार पढ़ा जा सकता है, लेकिन
Change नहीं किया जाता है, इसमें उपस्थित
Program,
System को
START और
SHUTDOWN करने मे मदद करते है, इसे कई भागों में बाॅटा गया है।
Ø PROM. (Program Read Only
Memory)
Ø EPROM (Erasable Program Read Only Memory)
Ø EEPROM (Electrical Erasable Program Read Only Memory)
Ø Virtual Memory
Ø Cache Memory
Secondary
Memory-
ऐसी
Memory जो
C.P.U. में होती है। लेकिन
Mother Board पर नहीं, इन्हें सामान्यतः दो भागों मे बाॅटा गया है -
Ø HardDisk
Ø Floppy Disk
Hard
Disk-
इसे
Winchester
Disk भी कहते है। इसे कई सारे
Track और
Sector मे बाॅटा गया है। एक
Sector
512 MB का होता है। एक
Hard
Disk मे एक या एक से अधिक
Magnetic
Disk होती है। जो एक
Spindle (धुरी) पर
Arrange होती है। इसमें डाटा को पढ़ने के लिये अथवा लिखने के लिये
Read/Write
Notch होता है। जिसके द्वारा
Disk में उपस्थित
DATA को पढ़ा और लिखा जा सकता है। ये सारी
Disk एक
Box में बंद कर दी जाती है। ताकि धूल और नमी इसके अंदर न जा सके एक
Hard
Disk की
Capacity आधे
( ½
) GB से लेकर
3 TB तक की होती है / या हो सकती है।
डाटा की कुछ इकाईयां निम्न प्रकार है -
4 Nibble 1
Bit
8 Bit 1
Byte – 2 Nibble
1024 Byte 1
K.B.(Kilobyte)
1024 K.B. 1
M.B.(Megabyte)
1024 M.B. 1
G.B. (Gigabyte)
1024 G.B. 1
T.B. (Terabyte)
Floppy
disk-
जब
DATA को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना पड़ता है तब
Floppy का उपयोग किया जाता है।
Data के
Backup को रखने के लिये भी
Floppy
Disk का प्रयोग करते है। इस की डाटा स्टोरेज की क्षमता
1.44 MB
Maximum थी, चूँकि इसकी
Capacity कम थी । इसलिये कुछ नये
Storage
Device का उपयोग किया गया। जिसमें से कुछ निम्न है। -
C.D.R.O.M.- (Compact Disk Read Only
Memory)-
यह
Poly carbonate से बनी होती है। यह गोल
Disk होती है। जिसके ऊपर
Aluminium की परत चढ़ी होती है इस
Disk में कई सारे छोटे-छोटे छिद्र होते है। जिसमें
Data
Store होता है। इसके डाटा को पढ़ने के लिये
Laser
Beam का उपयोग किया जाता है। इसकी
Capacity
700 MB Maximum होती है।
D.V.D.
(Digital Versatile Disk)
यह
CD-ROM की तरह एक
Disk होती है, जिसे
ftls Data
Storage के लिये उपयोग मे लाया जाता है, इसके अधिकतम चार
Layers में
Data को
Store किया जाता है। इसे
Maximum
Capacity 4×4.7 GB होती है। इस पर डाटा को करने हेतु
DVD
ROM Writer प्रयोग में लाया जाता है।
B.D.(Blue Ray Disk)-
यह
D.V.D. की तरह होती है। तथा उसमें
High
Definition Data Storeकिया जाता है। इसमे
25GB से लेकर
100-128
GB Data Store किया जाता है। इसे
Write करने के लिये
BD
Writer की जरुरत पड़ती है।
Pen Drive-
यह
Pen के
Cap के आकार की
USB
Drive होती है, जिसमें
Data को कई बार
Write या
Read किया जाता है। यह
Device,
Plug and Play होती है। इसकी
Capacity
128 MB से लेकर
64
GB तक होती है।
Memory Card-
इनका उपयोग
Mobile,
Camera में
Digital
Wallpaper आदि को
Store करने के लिये किया जाता है।
Micro
SD, Mini SD आदि प्रकार के
Memory कार्ड बाजार में उपलब्ध है। जिनकी
32
MB से लेकर
256 GB तक हो सकती है।
Magnetic Tape-
यह एक
Sequential Data Storage Device है, जिसमें
DATA जिस क्रम में लिखा जाता है, उसी क्रम में वापस प्राप्त किया जा सकता है। इसकी उपयोगिता ज्यादातर
Banking,
Industries में होती थी।
Peripherals-
C.P.U. के अलावा
Computer में उपयोग की जाने वाली सभी
Devices,
Peripherals के अन्तर्गत आती है। इन्हें तीन भागो मे बाॅटा गया है-
Ø Input Device
Ø Output Device
Ø Secondary Storage device
Input Device-
वे
Device जिनके द्वारा
Computer को दिशा निर्देश दिये जाते है, अथवा
Raw
Data (जैसे-
Number,
Figure, Facts, Data आदि)
System में भेजे जाते हैं।
Input
Device कहलाती है। कुछ
Input
Device निम्न प्रकार है:-
Ø Mouse
Ø Key-Board
Ø M.I.C.R. (Magnetic Ink Character
Recognizer)
Ø O.C.R. (Optical Character
Reader)
Ø O.M.R. (Optical Marks
Reader)
Ø B.C.R. (Bar Code Reader)
Ø JOY STICK
Ø TOUCH SCREEN
Ø SCANNER
Ø LIGHT PEN
Mouse-
यह एक
Pointing
Device होती है, जिसके द्वारा
Screen पर उपस्थित
Pointer के
Movement को
Control किया जाता है। तथा
Commands,
Figures, Facts आदि को
System में भेजा जाता है। यह विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं।
Ø Machenical Mouse
Ø Option mouse
Ø Wireless Mouse
Keyboard-
यह
Standerd
Typing Machine की तरह होता है, जिसमें कुछ अतिरिक्त
Key होती है, जिसके द्वारा हम विभिन्न कार्यो को संपादित कर सकते है। ये भी कई प्रकार के होते है-
Ø Standard Keyboard
Ø Multimedia Keyboard
Ø Wireless Keyboard
Ø Virtual Keyboard
O.M.R.
O.C.R. -
यह
O.M.R. की तरह होता है। लेकिन इसके द्वारा भी
Competition Examsकी काॅपियां
Check होती है। इसके द्वारा भी विभिन्न प्रकार के
Characters को पढ़ा जाता है।
M.I.C.R. -
यह
Magnetic
Ink से लिखे हुये अक्षरो को पढ़ने के काम आती हैं। इसमें प्रयोग की जाने वाली
Ink एक निश्चित अनुपात मे
Magnetic
Material से मिलकर बनी होती हैं। इसके द्वारा
Bank के
Cheque,
Check किये जाते है।
B.C.R. -
यह विभिन्न
Products पर उपस्थित
Bar
Code को पढ़ने में प्रयोग की जाती है, इस पर
Products की सारी जानकारी होती है।
Scanner-
किसी कागज, फोटो अथवा
Documentation
(Printed Material) को
Computer में भेेजने के लिये उपयोग मे लाया जाता है।
Light Pen-
यह एक
Pointing
Device है। जिसके द्वारा एक
Pad पर बनाई हुयी आकृति को
Computer की आउटपुट डिवाइस पर प्राप्त किया जा सकता हैं। इसके द्वारा किसी भी प्रकार की
Image,
Cartoon, Text, Graphics को
Design किया जा सकता है।
Joy Stick-
इसके अंतर्गत विभिन्न
Gaming Device आती है, जिनके द्वारा
Game खेले जाते है।
Touch Screen-
इसके द्वारा
Screen को
Touch करते हुयें निर्देशों को
Computer में भेजा जाता हैं।
Exam.- ATM Machine, Touch
Screen mobile. Etc.
Output Device-
इसके अंतर्गत
Input
Device के द्वारा दिये गये निर्देशों को
Process होने के पश्चात जिन
Device पर देखा जाता है अथवा प्राप्त किया जाता है,
Output
Device कहलाती है।
Monitor-
जब
Keyboard या
Mouse से
System को निर्देश देते हैं, तो तब ये हमें
Monitor पर दिखाई देता है।
Monitor एक
T.V. की तरह होता है, जिस पर 24 लाइन और 80 अक्षर प्रतिलाइन
Type किया जाता है। यह सामान्यतः दो प्रकार के होते है।-
Ø B/W Monitor
Ø Color Monitor- ;g
Hkh nks çdkj dk gksrk gSA
o
C.R.T.(Cathod Ray Tube)
o
L.C.D.(Liquid Crystal Display)
Printer-
Monitor पर दिखाई देने वाली
Information को कागज पर प्राप्त करने के लिये
Printer का
Use किया जाता है। ये दो प्रकार के होते है
Ø Impact Printer
Ø Non-Impact Printer
Impact Printer-.
इस तरह के
Printer मे एक
Head रिबन पर चोट करता है और अक्षर
Print होता है। कुछ
Impact Printer निम्न प्रकार है।-
Ø D.O.T. Matrix Printer
Ø Wheel Printer
Ø Line Printer
Non Impact Printer-.
इस तरह के
Printers मे
Head नही होते है।, इनमें
Printing,
Toner के द्वारा
Spray के माध्यम से अथवा
Cartridge
Movement से होती है। ये दो प्रकार के होते है।
Ø InkJet Printer
Ø Lazer/Laser Printer
Plotter-
यह
Printer की तरह कार्य करता है, लेकिन इसमे
A4 से बड़ी आकृति/बड़ी
Design बनाई जा सकती है। इसका उपयोग
Engineering Designs को
Print करने के लिये होता है।
Flex Printer-
यह
Printer आकार में बहुत बड़ा होता है। जिस के द्वारा
Flex
Banner, One Way Vision आदि साढ़े 10 फुट चैड़ाई व लम्बाई जितनी चाहे प्रिन्ट कर सकते है।
Secondary
Storage Devices :-
Same as Secondary Memory.