गुरुवार, 19 मार्च 2020

Components of Computer : Hardware

Fundamental
Computer :- 
एक Electronic Device है जो User के द्वारा Keyboard और Mouse से निर्देशों  को प्राप्त करता है, उन पर Process करता है और Information प्रदान करता है।

Work of Computer :-
कठिन तथा बार-बार आने वाली गणनाओं को जल्दी व सही-सही करता है। किसी भी प्रकार के Graphics को Design व Print करता है और उपयोगी आंकड़ों को Store करके रखता है, इसके अलावा Computer  का उपयोग कई सारे क्षेत्रो मे किया जाता है जैसे - Hospitality, Police Department, Education, Accountancy, Office Work, Job Work, DTP Work, Banking, Commerce, Communication, Entertainment, Gaming, Research Etc.

Components of Computer

कम्प्यूटर साामान्यतः दो भागों मे विभाजित हुआ है:-

Ø  Computer Hardware
Ø  Computer Software

Computer Hardware :- 
Computer के वे भाग जिन्हें हम देख, छू और महसूस कर सकते है, Computer Hardware कहलाते है। दूसरे शब्दों मे Computer के Electrical, Electronical तथा Mechanical  भागों को Computer Hardware कहते है। इन्हे सामान्यतः दो भागो मे बाॅटा जाता है।
Ø C.P.U. (Central Processing Unit)
Ø Peripherals
C.P.U.- 
CPU को कम्प्यूटर का दिमाग या हृदय कहा जाता है। क्योंकि लगभग Computer के सभी कार्य C.P.U. के द्वारा जैसे . Input, Output पर Control करना, Calculation करना और Data Store करना, किए जाते हैं।
इन सभी कार्यो को Control करने के लिये इसमें तीन इकाइयाॅं होती है।
Ø Control Unit (CU)
Ø Arithmetic and Logical Unit (ALU)
Ø Memory Unit (MU)

Control Unit :- 
यह सभी Input तथा Output Devices को Control करता है, Data को लाने और ले जाने का कार्य करता है तथा Secondary Storage Devices को भी Control करता है।

Arithmetic and Logical Unit :- 
सभी अंकगणितीय गणनायें जैसे- जोड़, घटाना, गुण़ा, भाग, वर्गमूल, प्रतिषत आदि) तथा तार्किक गणनायें जैसे- बड़ा, बराबर, छोटा, बराबर नहीं आदि गणनायें करता है।

Memory Unit:- 
Data को स्थायी अथवा अस्थायी रूप से Store करने के लिये Memory Unit का उपयोग करते है। Data Storage के आधार पर इसे  भी दो भागो मे बाॅटा गया है।
Ø Primary memory
Ø Secondary memory

Primary memory- 
C.P.U. के अंतर्गत Mother Board पर उपस्थित Memory Chips को Primary Memory कहा जाता है।, ये दो प्रकार की होती है।
Ø R.A.M. (Random Access Memory)
Ø R.O.M. (Read Only Memory)
R.A.M.:- 
यह एक Volatile Memory (वोलेटाइल मेमोरी) होती है, इसीलिये जब Computer मे Power आना बंद होता है, डाटा नष्ट हो जाता है। सिस्टम पर बनाई जाने वाली सभी फाइल Working Time में RAM पर स्टोर होती है। जब फाइल को सेव किया जाता है तो वह सभी फाइल सेकैण्डरी मेमोरी में स्थानान्तरित हो जाती है।

R.O.M. :-
यह एक Non Volitile Memory है, इसमे लिखा हुआ DATA  कई बार पढ़ा जा सकता है, लेकिन Change नहीं किया जाता है, इसमें उपस्थित Program, System   को START और SHUTDOWN  करने मे मदद करते है, इसे कई भागों में बाॅटा गया है।
                                          Ø PROM. (Program Read Only Memory)
Ø EPROM (Erasable Program Read Only Memory)
Ø EEPROM (Electrical Erasable Program Read Only Memory)
Ø Virtual Memory
Ø Cache Memory

Secondary Memory- 
ऐसी Memory जो  C.P.U. में होती है। लेकिन Mother Board पर नहीं, इन्हें सामान्यतः दो भागों मे बाॅटा गया है -
Ø HardDisk
Ø Floppy Disk 
Hard Disk- 
इसे Winchester Disk  भी कहते है। इसे कई सारे Track और  Sector मे बाॅटा गया है। एक Sector 512 MB का होता है। एक Hard Disk मे एक या एक से अधिक Magnetic Disk  होती है। जो एक Spindle (धुरी) पर Arrange होती है। इसमें डाटा को पढ़ने के लिये अथवा लिखने के लिये Read/Write Notch होता है। जिसके द्वारा Disk  में उपस्थित DATA को पढ़ा और लिखा जा सकता है। ये सारी Disk एक Box में बंद कर दी जाती है। ताकि  धूल और नमी इसके अंदर न जा सके एक Hard Disk की Capacity आधे ( ½ ) GB  से लेकर 3 TB तक की होती है / या हो सकती है।
डाटा की कुछ इकाईयां निम्न प्रकार है -
4 Nibble                         1 Bit
8 Bit                               1 Byte – 2 Nibble
1024 Byte                      1 K.B.(Kilobyte)
1024 K.B.                      1 M.B.(Megabyte)
1024 M.B.                     1 G.B. (Gigabyte)
                               1024 G.B.                      1 T.B. (Terabyte)
Floppy disk- 
जब DATA को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना पड़ता है तब Floppy का उपयोग किया जाता है। Data के Backup को रखने के लिये भी  Floppy Disk का प्रयोग करते है। इस की डाटा स्टोरेज की क्षमता 1.44 MB Maximum थी, चूँकि इसकी Capacity कम थी । इसलिये कुछ नये Storage Device का उपयोग किया गया। जिसमें से कुछ निम्न है। -

C.D.R.O.M.- (Compact Disk Read Only Memory)- 
यह Poly carbonate से बनी होती है। यह गोल Disk होती है।  जिसके ऊपर Aluminium की परत चढ़ी  होती है इस Disk में कई  सारे छोटे-छोटे छिद्र होते है। जिसमें Data Store होता है। इसके डाटा को पढ़ने के लिये Laser Beam का उपयोग किया जाता है। इसकी Capacity 700 MB Maximum होती है।

D.V.D. (Digital Versatile Disk) 
यह CD-ROM की तरह एक Disk होती है, जिसे ftls Data Storage  के लिये उपयोग मे लाया जाता है, इसके अधिकतम चार Layers में Data को Store किया जाता है। इसे Maximum Capacity 4×4.7 GB होती है। इस पर डाटा को करने हेतु  DVD ROM Writer प्रयोग में लाया जाता है।

B.D.(Blue Ray Disk)- 
यह D.V.D. की तरह होती है। तथा उसमें High Definition Data Storeकिया जाता है। इसमे 25GB  से लेकर 100-128 GB Data Store किया जाता है। इसे Write करने के लिये BD Writer की जरुरत पड़ती है।

Pen Drive- 
यह Pen के Cap के आकार की USB Drive  होती है, जिसमें Data को कई बार Write या Read किया जाता है। यह Device, Plug and Play होती है। इसकी Capacity 128 MB से लेकर 64 GB तक होती है।

Memory Card- 
इनका उपयोग Mobile, Camera में Digital Wallpaper आदि को Store करने के लिये किया जाता है। Micro SD, Mini SD आदि प्रकार के Memory कार्ड बाजार में उपलब्ध है। जिनकी 32 MB  से लेकर 256 GB तक हो सकती है।

Magnetic Tape- 
यह एक Sequential Data Storage Device है, जिसमें DATA  जिस  क्रम में लिखा जाता है, उसी क्रम में वापस प्राप्त किया जा सकता है। इसकी उपयोगिता ज्यादातर Banking, Industries में होती थी।

Peripherals- 
C.P.U. के अलावा Computer में उपयोग की जाने वाली सभी Devices, Peripherals के अन्तर्गत आती है।  इन्हें तीन भागो मे बाॅटा गया है-
Ø Input Device
Ø Output Device
Ø Secondary Storage device
Input Device-
वे Device जिनके द्वारा Computer को दिशा निर्देश दिये जाते है, अथवा Raw Data (जैसे- Number, Figure, Facts, Data  आदि) System में भेजे जाते हैं। Input Device कहलाती है। कुछ Input Device निम्न प्रकार है:-
Ø Mouse        
Ø Key-Board
Ø M.I.C.R. (Magnetic Ink Character Recognizer)   
Ø O.C.R. (Optical Character Reader)
Ø O.M.R. (Optical Marks Reader)
Ø B.C.R. (Bar Code Reader)
Ø JOY STICK
Ø TOUCH SCREEN
Ø SCANNER
Ø LIGHT PEN

Mouse-
यह एक Pointing Device होती है, जिसके द्वारा Screen पर उपस्थित  Pointer के Movement को Control  किया जाता है। तथा Commands, Figures, Facts आदि को System में भेजा जाता है। यह विभिन्न  प्रकार के हो सकते हैं।
Ø Machenical Mouse
Ø Option mouse
Ø Wireless Mouse
Keyboard-
यह Standerd Typing Machine की तरह होता है, जिसमें कुछ अतिरिक्त Key होती है, जिसके द्वारा हम विभिन्न कार्यो को संपादित कर सकते है। ये भी कई प्रकार के होते है-
Ø Standard Keyboard
Ø Multimedia Keyboard
Ø Wireless Keyboard
Ø Virtual Keyboard
O.M.R.

O.C.R. -
यह O.M.R. की तरह होता है। लेकिन इसके द्वारा भी Competition Examsकी काॅपियां Check होती है। इसके द्वारा भी विभिन्न प्रकार के Characters को पढ़ा जाता है।

M.I.C.R. -
यह Magnetic Ink से लिखे हुये अक्षरो को पढ़ने के काम आती हैं। इसमें प्रयोग की जाने वाली Ink  एक निश्चित अनुपात मे Magnetic Material से मिलकर बनी होती हैं। इसके द्वारा Bank  के Cheque, Check किये जाते है।

B.C.R. -
यह विभिन्न Products पर उपस्थित Bar Code को पढ़ने में प्रयोग की जाती है, इस पर  Products की सारी जानकारी होती है।

Scanner-
किसी कागज, फोटो अथवा Documentation (Printed Material) को Computer में भेेजने के लिये  उपयोग मे लाया जाता है।

Light Pen- 
यह एक Pointing Device है।  जिसके द्वारा एक  Pad पर बनाई हुयी आकृति को Computer  की आउटपुट डिवाइस पर प्राप्त किया जा सकता हैं। इसके द्वारा किसी भी प्रकार की Image, Cartoon, Text, Graphics को Design किया जा सकता है।

Joy Stick-
इसके अंतर्गत विभिन्न  Gaming Device आती है, जिनके द्वारा Game खेले जाते है।

Touch Screen-
इसके द्वारा Screen को Touch करते हुयें निर्देशों को Computer में भेजा जाता हैं।  Exam.- ATM Machine, Touch Screen mobile. Etc. 

Output Device- 
इसके अंतर्गत Input Device के द्वारा दिये गये निर्देशों को Process होने के पश्चात जिन Device पर देखा जाता है अथवा प्राप्त किया जाता है, Output Device कहलाती है।

Monitor-
जब Keyboard या Mouse से System को निर्देश देते हैं, तो तब ये हमें Monitor पर दिखाई देता है। Monitor एक T.V.  की तरह होता है, जिस पर 24 लाइन और 80 अक्षर प्रतिलाइन Type किया जाता है। यह सामान्यतः दो प्रकार के होते है।-
Ø B/W Monitor
Ø  Color Monitor- ;g Hkh nks çdkj dk gksrk gSA
o   C.R.T.(Cathod Ray Tube)
o   L.C.D.(Liquid Crystal Display)

Printer-
Monitor पर दिखाई देने वाली Information को कागज पर प्राप्त करने के लिये Printer का Use किया जाता है। ये दो प्रकार के होते है
Ø Impact Printer
Ø Non-Impact Printer

Impact Printer-.
इस तरह के Printer मे एक Head रिबन पर चोट करता है और अक्षर Print होता है। कुछ Impact Printer निम्न प्रकार है।-
Ø D.O.T. Matrix Printer
Ø Wheel Printer
Ø Line Printer


Non Impact Printer-.
इस तरह के Printerमे Head नही होते है।, इनमें Printing, Toner के द्वारा Spray के माध्यम से अथवा Cartridge Movement से होती है। ये दो प्रकार के होते है।
Ø InkJet Printer
Ø Lazer/Laser Printer
Plotter-
यह Printer की तरह कार्य करता है, लेकिन इसमे A4 से बड़ी आकृति/बड़ी Design बनाई जा सकती है। इसका उपयोग Engineering Designs को Print करने के लिये होता है।

Flex Printer-
यह Printer आकार में बहुत बड़ा होता है। जिस के द्वारा Flex Banner, One Way Vision आदि साढ़े 10 फुट चैड़ाई व लम्बाई  जितनी चाहे प्रिन्ट कर सकते है।

Secondary Storage Devices :-
Same as Secondary Memory.

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